Shamshera Movie Review:- फिल्मों को यूं तो देश में हो रहे कुछ असम्मान तत्वों को न उभारते हुए सॉल्यूशन बताना चाहिए लेकिन उससे शायद उनका कारोबार नहीं चलता। Shamshera Movie भारत के ऐसी ही कहानी को दिखाती है जो सत्य से तो कौंसो दूर है किंतु उसकी बेस स्टोरी सच्चाई से ही प्रेरित है। इस फिल्म में दिखाई गई भारत में मौजूद प्रोब्लम के सॉल्यूशन को न बताकर बल्कि उस इश्यू में आग डालने का काम किया गया है ऐसा मुझे प्रतीत होता है।
Shamshera Movie Story
यह स्टोरी जातिवाद से सबंधित है, ऊंच नीच जाति के बेस पर फिल्म की कहानी को लिखा गया है जो प्राचीन भारत में होता था इसे हम झुठला नहीं सकते किंतु इसी पर बार बार स्टोरी बनाना मेरे मुताबिक उचित नहीं। खैर छोड़िए Shamshera Movie Review करने आए हैं तो वही करते हैं।
यह स्टोरी शमशेरा (रणबीर कपूर) के अपने जाति के लोगों को आजाद कराने की है। दरअसल फिल्म में Ranbir Kapoor एक लड़ाकू जाति से होते हैं। यह लड़ाकू जाति योद्धाओं के रूप में जानी जाती है। खमेरण जाति ने राजपूतों के साथ मिलकर मुगलों के शासन से आजादी दिलाई किंतु युद्ध में न जीत हासिल करने के बाद काजा शहर में खमेरण जाति के लोग रहते हैं जहां बसे उनसे ऊंच जाति के लोग खमेरण जाति के लोगों के साथ दुर्व्यवहार करते हैं और उन्हें कैद कर लेते हैं।
फिल्म में रणबीर कपूर दो किरदार निभाते हुए नजर आएंगे एक तो शेमशेरा का दूसरा किरदार बल्ली का। विलेन के रूप में शुद्ध सिंह होते हैं। पूरी फिल्म की कहानी इसी इर्द गिर्द घूमती रहती है जिसमें जाति संघर्ष देखने को मिलता है और अंत में मूवी मात्र पीरियड ड्रामा होकर रह जाती है जिस विषय पर इससे पहले कई असफल मूवी बन चुकी है।
Shamshera Movie Cast
फिल्म में रणबीर कपूर दो रोल निभाते हुए नजर आएंगे शमशेरा के साथ साथ उनके बेटे बल्ली का किरदार भी रणबीर कपूर को ही दिया गया है।
विलेन के रोल में संजय दत्त हैं जो ताकतवर ऊंच जाति के दारोगा बने हैं। Shamshera Movie में विलेन के तौर पर परफेक्ट हैं।
साथ में वाणी कपूर, इरावती हर्ष, रोनित रॉय समेत सौरभ शुक्ला भी भूमिका में हैं।
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Shamshera Movie Positive
फिल्म में पॉजिटिव देखी जाए तो रणबीर कपूर और संजय दत्त का दमदार अभिनय ही है। रणबीर कपूर ने इस फिल्म के लिए फिजिकली तो काम किया ही है लेकिन अपनी आवाज में भी बेहतर काम किया है।
जहां शमशेरा के किरदार में वे जिम्मेदार लीडर के तौर पर नजर आते हैं तो वहीं बल्ली के किरदार में एक बेखौफ युवा। फिल्म उन लोगों के लिए काफी बेहतरीन हो सकती है जो रणबीर कपूर के बेहद बड़े वाले फैन हैं।
संजय दत्त अपने खतरनाक लुक के कारण विलेन के रोल में परफेक्ट रहते हैं। उनका किरदार कांचा चीना की याद दिलाता है।
इसके अलावा फिल्म में कुछ भी पॉजिटिव प्वाइंट देखने को नहीं मिलते।
Shamshera Movie क्यों नहीं देखें
फिल्म को न देखने कई कारण फिल्म के मेकर्स ने हम दर्शकों को दिए हैं। सभी कारण निम्नलिखित पॉइंट्स में लिखे हैं:-
1. पीरियोडिक ड्रामा इससे पहले भी कई फिल्मों में दिखाया जा चुका है उसकी असफलता को देखते हुए भी बॉलीवुड ने सबक नहीं लिया।
2. फिल्म के सॉन्ग मिथुन ने पीरिओडिक ड्रामा के मुताबिक नहीं बनाया है।
3. वाणी कपूर को मात्र सुंदरता और बॉडी दिखाने के लिए ही रखा है। दरअसल ऐसी फिल्मों में महिला एक्ट्रेस के लिए स्टोरी में कोई बेहतर लिखा ही नहीं गया होता।
4. फिल्म की स्टोरी दूसरे हाफ में खींची गई है। स्टोरी पहले हाफ में ही क्लियर हो जाती है।
5. पीरियोडिक ड्रामा में सबसे अहम कार्य आर्ट डायरेक्टर का होता है जिसमे फिल्म औधे मूंह गिरती है।
निष्कर्ष
Shamshera Movie Review में हम Bollyhind की तरफ से फिल्म को 1.5 स्टार देते हैं। फिल्म में देखने लायक केवल रणबीर कपूर और संजय दत्त का अभिनय ही था बाकी फिल्म में कुछ भी नहीं था।
धन्यवाद